क्ष   त्र   ज्ञ  श्रः

  


  • § 
  • §  हसन - हसना
  • §  हडगि (स्त्री), हडगो (पु०)-हड्डी
  • §  हयूंद-हेमन्त
  • §  हतगुळि -हथेली
  • §  हळ्या-हलवाहा
  • §  हतराड़ -डांट -फटकार ,धमकी
  • §  हतल्योण- हाथ से सहलाना
  • §  हरदा - प्रत्येक बार , हमेशा की तरह H
  • §  हरचण- किसी वस्तु का खो जाना , गुम हो जाना
  • §  हतबिड-गर्म बर्तन को पकड़ने के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला कपड़ा
  • §  हटकताल -पूरीतरह से रुकावट या बंदिश
  • §  हरचिगे -खो जाना
  • §  हातन-हाथ ने
  • §  हल्दू-हल्दी
  • §  हल्या-हल लगाने वाला
  • §  हमारू -हमारा
  • §  हत्गुली-हतैली
  • §  हर्चिगिन-खो जाना
  • §  हयूँद-सर्दियों का मौसम
  • §  ह्युंर =ग्लेशियर
  • §   हा
  • § 
  • हाल-दशा, हालचाल
  • § 
  • हाळ-आंच
  • §  हाटगु-हड्डी
  • §  हाथन-हाथ से
  • §  हि
  • §  हिटन - चलना
  • §  हिन्दौला-झूला
  • §  हिकमत-हिम्मत
  • §  हिटण-चलना
  • §  हितराड़ =डांट
  • §  ही
  • §  हु
  • §  हुळतरा- (चिनाई में जोड़ मारने वाले बड़े पत्थर)
  • §  हुबलास- (उल्लास, उमंग)
  • §  हुर्स्यौण =चिढाना
  • §   हू
  • §  हे
  • §  हे काका तिन देखिन-चाचा जी अपने देखा
  • §  हेवार = पंक्ति
  • §  हेसणु =कष्ट भोगना
  • §  है
  • §  हैका-दूसरा
  • §  हल्मर्च- मसाले
  • §  हैका साल-अगले साल
  • §  हैककू -किसी और का
  • §  हैका-दूसरा .हल्या-हल लगाने वाला
  • §  हैन्सणु-हँसना
  • §  हैंसारोळी- (समूह में हँसने का स्वर)
  • §  हो
  • §  होकड़ = होड़, बाजी
  • §  होतिल = समृद्ध
  •  
  • §  हौ
  • §  हौळ-हल
  •  
  • §  हं
  • §  हंडबेडा- गर्म बर्तन को पकड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कपड़ा
  • §  हैंकु -अनुचित ,अन्य ,परन
  • §  हैंसारोळी- (समूह में हँसने का स्वर)
  • §  हँसणू -हँस रहा है
  •  
  • §  हः


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