प फ ब भ म
- फ
- फटाफट-जल्दी-जल्दी
- फरकान- गिराना
- फरक्याई- गिरा देना
- फचाक- (आटे के थैले या पानी भरे गुब्बारे के जमीन पर गिरकर फटने/फूटने की आवाज)
- फफड़ाट- (पक्षी के पंख फड़फड़ाने की ध्वनि)
- फफराट- (तेज हवा चलने पर कपड़ों से उत्पन्न ध्वनि)
- फणेटा- (पेड़ के तने को आरी से चीरने के बजाय कुल्हाड़ी से काटकर निकाले गए तख्तेनुमा टुकड़े)
- फटक - कूदना
- फक्र -गर्व
- फहुनेती-फाल्गुन महीने मैं खेतों की जुताई
- फल्सो- (पत्थरों का बना गेट जिसके छेदों में लकड़ी फंसाई जाती है)
- फंडुफुक्यों- दूर हट, परे हट
- फकतर-छोटा टुकड़ा, लकड़ी के कुन्दे से निकली हुई फॉक या छिलका
- फकाण- तेजी से सांस फूलना
- फगणेटु- फागुन मास मे आगमी चनुर्मासी फसल की तैयारी के लिए हल लगाना
- फनकण- फनफनाते हुए जाना, गुस्से से तुनकर उठ जाना, गुस्सा करना
- फरासबीन- फ्रेंचबीन
- फणकण =नाराज होना
- फदौण =झूटी बात कह कर विश्वास में लेना
- फफंड =ढोंग, पाखण्ड
- फफंडि =ढोंगी
- फफराण =उत्साह में आकार काम करना
- फबटेणु = ठोकर खाना
- फरजंट = चालाक, चतुर , कार्यकुशल
- फरडि =झंडी
- फरोड़ा = बलि , न्यौछावर
- फळसु= अवरोध, बाड़
- फा
- फाल-कूद मरना
- फांकलु- ओढने की चादर, ओढनी
- फाणु- पीसी हुई दाल के मिश्रण से बना पनीला खाध पदार्थ
- फि
- फिफड़ाण = दुखी या वथित होना
- फिड़फिड़ी = दया का भाव , करूणा का भाव
- फिफड़ाट- (दूसरे के कष्ट से होने वाली वेदना)
- फिटकताळ, फिटकार, भिटकताळ-अभिशाप
- फी
- फीण - चटाई
- फु
- फुरफुरा-स्वस्थ व अच्छी तरह से सुखाए हुए
- फुलकंडी- (फूल रखने के लिए बनी रिंगाल की हथकंडी)
- फुंकराफुंकरि- (गहरी नींद में सोये व्यक्ति के नाक से आने वाली आवाज)
- फुदकेण- कूदना, उछलना, फुदकना
- फुन्द्या, फोंद्या = मुखिया, चतुर चालाक
- फू
- फूलन-फूल ने
- फे
- फेर = घुमाव
- फै
- फैमाळ =रुकावट, बाधा
- फैमाळ =रुकावट, बाधा
- फो
- फैमाळ =रुकावट, बाधा
- फौंसा =गीदड़ भभकी
- फं
- फंच्चि , फंचु -गठरी
- फंडु, फुंड-उधर , उस ओर
- फुंकराफुंकरि- (गहरी नींद में सोये व्यक्ति के नाक से आने वाली आवाज)
- फंडुफुक्यों- दूर हट, परे हट
- फांकलु- ओढने की चादर, ओढनी
- फडींग =धान काटने बाद लगाया गया हल
- फः
- फ्यरा- फेरा, सिर घूमना
- फ्यानकु =आँचल
- फ्
- फ्यफनो- ऐडी
- फ्यरा- फेरा, सिर घूमना
- फ्यानकु =आँचल
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