कुछ बातें उत्तराखंड की ? Some things about Uttarakhand India?


कुछ  बातें  उत्तराखंड की ? Some things about Uttarakhand India ?

  • गढ़वाली की लिपि क्या है?
  • इसके लिए देवनागरी लिपि का प्रयोग होता है।

  • गढ़वाली का मतलब क्या होता है?
  • गढ़वाल में निवास करने वालों तथा उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को 'गढ़वाली' कहा जाने लगा।

  • गढ़वाली बोली की उप बोली क्या है?
  • गढ़वाली भाषा के उपभेद ,श्रीनगरिया बोली - इस बोली को गढ़वाली बोली का परिनिष्ठित रूप माना जाता है। इसका प्रयोग चांदपुर परगने के दक्षिणी भाग में, देवलगढ़ परगने में और आसपास के क्षेत्र में होता है।

  • गढ़वाली लोग कैसे होते हैं?
  • एक गढ़वाली कद में छोटे, कठोर, मेहनती और होते हैं । वे सरल और शर्मीले तथा प्रकृति के सबसे करीब होते हैं।

  • गढ़वाली संस्कृति क्या है?
  • गढ़वाल का प्रागैतिहासिक काल से भारतीय संस्कृति में अविस्मरणीय स्थान रहा है। यहां के जनजीवन में किसी न किसी रूप में सम्पूर्ण भारत के दर्शन सुलभ है। इस स्वस्थ भावना को जानने के लिए यहां के लोक नृत्य पवित्र साधन है। यहां के जनवासी अनेक अवसरों पर विविध प्रकार के लोक नृत्य का आनन्द उठाते हैं।

  • भारत में कितने गढ़वाली हैं?
  • गढ़वाली (गढ़वाली,[gɜɽʱʋɜɭiˑ], मूल उच्चारण में) मध्य पहाड़ी उपसमूह की एक इंडो-आर्यन भाषा है। यह मुख्य रूप से भारतीय हिमालय में उत्तरी भारतीय राज्य उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में 25 लाख से अधिक गढ़वाली लोगों द्वारा बोली जाती है।
  • गढ़वाल को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
  • गढ़वाल का पारंपरिक नाम केदारखंड था जिसका अर्थ है " भगवान की भूमि "। उत्खनन से पता चला है कि यह मौर्य साम्राज्य का हिस्सा था।
  • गढ़वाली के लेखक कौन है?
  • मोहन लाल बाबुलकर सही अर्थाें में गढ़वाली लोक साहित्य के अध्येता रहे हैं। उनकी शोधपूर्ण कृति गढ़वाली लोक साहित्य का विवेचनात्मक अध्ययन 1964 में प्रकाशित हो चुकी थी। यह पुस्तक गढ़वाली लोक साहित्य की सम्पूर्ण तथ्यात्मक विवेचना करने वाली पहली पुस्तक है।
  • उत्तराखंड में कौन सी भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती है?
  • गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा हिंदी भाषा ही है गढ़वाली कुमाऊनी यह राष्ट्रीय भाषा नहीं है एक बोली है जल्दी से उत्पन्न हुई है और पूरे उत्तराखंड में ज्यादातर इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन राज्य की सबसे प्रमुख भाषा हिन्दी है।
  • उत्तराखंड में कुल कितनी भाषाएं बोली जाती हैं?
  • जनगणना आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में 99 बोलियां व भाषा बोली जाती हैं। इनमें प्रमुख बोली-भाषा हिंदी, गढ़वाली, कुमाऊंनी के अलावा उर्दू, पंजाबी, जौनसारी, नेपाली व भोजपुरी हैं।
  • भारत के किस राज्य में गढ़वाली और कुमाऊंनी नाम की दो भाषाओं का प्रमुखता से उपयोग किया जाएगा?
  • उत्तराखंड के अधिकांश लोग इंडो-आर्यन भाषाएँ बोलते हैं। राज्य की आधिकारिक भाषा हिंदी है। हिंदुस्तानी, जिसमें हिंदी और उर्दू दोनों के शब्द शामिल हैं, प्रमुख बोली जाने वाली भाषा है। उत्तराखंड में उपयोग की जाने वाली अन्य भाषाओं में गढ़वाली और कुमाउनी (दोनों पहाड़ी भाषाएं), पंजाबी और नेपाली शामिल हैं।
  • उत्तराखंड के लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका किसने निभाई?
  •  उत्तराखंड की प्रमुख और प्रसिद्ध हस्तियों के बारे में पढ़ेंगे - मुरली मनोहर जोशी, सुरेंद्र पाल जोशी, अभिनव बिंद्रा, ब्रिगेडियर सुरेंद्र सिंह पंवार, गोविंद वल्लभ पंत और मोहन चंद शर्मा।
  • उत्तराखंड का मुख्य भोजन क्या है?
  • काफुली (Kafuli) काफुली उत्तराखंड का पारंपरिक खाना है, जिसे पालक और मेथी के साथ तैयार किया जाता है। काफुली डिश पालक और मेथी के पत्तों को मिलाकर बनाई जाती है और बर्तन में नमक व मसालों के साथ इसे पकाया जाता है। काफुली को उत्तराखंड के प्रमुख खाने के रूप में जाना जाता है।
  • उत्तराखंड का नृत्य कौन सा है?
  • छोलिया नृत्य उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध लोक नृत्य है और हर साल पिथौरागढ़, उत्तराखंड में आयोजित किया जाता है। यह नृत्य पौराणिक युद्ध और सैनिकों का प्रतिबिंब है।
  • कुमाऊं और गढ़वाल क्या है?
  • उत्तराखंड राज्य को कुमाऊं और गढ़वाल नामक दो प्रशासनिक प्रभागों में विभाजित किया गया है । गढ़वाल क्षेत्र में 7 जिले हैं और कुमाऊं क्षेत्र में 6 जिले हैं। उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं।
  • उत्तराखंड में कितने गढ़वाल है?
  • सात जिले- देहरादून, हरिद्वार, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग गढ़वाल मंडल के तहत आते हैं। जबकि शेष छह जिले- नैनीताल, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, चम्पावत और बागेश्वर कुमाऊं मंडल के तहत आते हैं।
  • उत्तराखंड का राजा कौन है?
  • राजा सुदर्शन शाह ने अपनी राजधानी टिहरी या टेहरी नगर को बनाया, बाद में उनके उत्तराधिकारी प्रताप शाह, कीर्ति शाह और नरेन्‍द्र शाह ने इस राज्‍य की राजधानी क्रमशः प्रताप नगर, कीर्ति नगर और नरेन्‍द्र नगर स्‍थापित की। इन तीनों ने १८१५ से सन्‌ १९४९ तक राज किया।
  • पौड़ी गढ़वाल में कितनी पत्तियां है?
  • वर्तमान समय में कुल 6 परगने और लगभग 60 पट्टियाँ हैं। 
  • गढ़वाल के प्रथम राजा कौन थे?
  • सही उत्‍तर कनक पाल है। कनक पाल (867-918 लगभग), परमार वंश के एक राजकुमार गढ़वाल साम्राज्य के संस्थापक थे या इसे गढ़वाल में परमार वंश की स्थापना के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। वह पूरे गढ़वाल राज्य के पहले स्वतंत्र शासक थे।
  • गढ़वाल जिला कब बना था?
  • इसके पूर्व गढ़वा जिला पलामू जिले के ८ ब्लॉकों से मिलकर १ अप्रैल १९९१ से एक स्वतंत्र जिला “गढ़वा” के रूप में पलामू जिले से अलग हो गया था.
  • गढ़वाल का प्रथम शासक कौन था?
  • गढ़वाल साम्राज्य की स्थापना 823 ईस्वी में कनक पाल द्वारा की गई थी और यह गढ़वाल राज्य का पहला शासक था। अजय पाल गढ़वाल राज्य के 31वें शासक थे। मान शाह गढ़वाल राज्य के 44वें शासक थे।
  • उत्तराखंड में कितने गढ़ है?
  • उत्तराखंड में 52 गढ़  हैं
  • उत्तराखंड की द्वितीय भाषा कौन सी है?
  • उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा क्या है? उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा संस्कृत है।
  • देहरादून की भाषा क्या है?
  • जिले में बोली जाने वाली मुख्य भाषाएं हिंदी, सिंधी, पंजाबी, गढ़वाली और उर्दू हैं।
  • सबसे कम कौन सी भाषा बोली जाती है?
  • 22 सूचीबद्ध भाषाओं में संस्कृत सबसे कम बोली जाने वाली भाषा है. संस्कृत की स्थिति ये है कि सिर्फ 24,821 लोगों ने संस्कृत को अपनी मातृभाषा बताया है. जिसकी संख्या संस्कृत बोडो, मणिपुरी, कोंकणी और डोगरी भाषओं से भी नीचे है
  • उत्तराखंड की दो राजधानियां क्यों हैं?
  • इसे उत्तराखंड की भविष्य की स्थायी राजधानी माना जा रहा है। राज्य आंदोलन के दौरान राज्य की राजधानी के रूप में गैरसैंण की परिकल्पना की गई थी। हालाँकि, 9 नवंबर 2000 को राज्य के गठन के बाद, देहरादून को राज्य की अस्थायी राजधानी बनाया गया था।
  • उत्तराखंड में कितने लोग हिंदी बोलते हैं?
  • वर्तमान में, उत्तराखंड में चार प्रमुख भाषाएँ बोली जाती हैं जिनमें हिंदी, कुमाऊँनी, गढ़वाली और जौनसारी शामिल हैं। अनुमान के मुताबिक राज्य की 89% से अधिक आबादी हिंदी (45%) बोलती है, इसके बाद गढ़वाली (23.03%), कुमाऊंनी (19.94%) और जौनसारी (1.35%) आती है।
  • उत्तराखंड की भाषा क्या है?
  • हिंदी राज्य की आधिकारिक भाषा है और संस्कृत अतिरिक्त आधिकारिक भाषा है। गढ़वाली और कुमाऊँनी ऐसी बोलियाँ हैं जो उत्तराखंड में अक्सर बोली जाती हैं। 19 जनवरी 2010 को मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ने संस्कृत को राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा बनाया।
  • कुमाऊं और गढ़वाल मंडल की स्थापना कब हुई?
  • सही उत्तर 1839 ईस्वी है। 1839 ईस्वी में कुमाऊं को दो जिलों कुमाऊं और गढ़वाल में बांटा गया था।
  • कुमाऊं की स्थापना कब हुई?
  • कुमाऊँ राज्य, जिसे कूर्मांचल भी कहा जाता था, चन्द राजवंश द्वारा शासित एक पर्वतीय राज्य था, जिसका विस्तार वर्तमान भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में था। राज्य की स्थापना ७०० में सोम चन्द ने की थी।
  • उत्तराखंड का सबसे पुराना नाम क्या था?
  • उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताईस वें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था।
  • उत्तराखंड का जनक कौन है?
  • सही उत्तर शिवप्रसाद डबराल है। उन्होंने कुमाऊं का इतिहास नामक पुस्तक लिखी जो कुमाऊं के इतिहास का वर्णन है। उन्हें उत्तराखंड के विश्वकोश के रूप में जाना जाता था।
  • उत्तराखंड का पहला राजा कौन है?
  • इस राजवंश को कुमाऊं का प्रथम ऐतिहासिक राजवंश माना जाता हैं। बागेश्वर लेख के अनुसार राजवंश के प्रथम राजा बसंतदेव थे जिन्हें कुछ इतिहासकार वसंतनदेव या नाम देते हैं। वसंतनदेव के बाद के शासक का नाम ज्ञात नहीं होता है लेकिन बागेश्वर अभिलेख से बसंतदेव के कुछ समय बाद खर्परदेव के राजा बनने का उल्लेख है।
  • उत्तराखंड की मशहूर चीज क्या है?
  • उत्तराखंड में घूमने के लिए हरिद्वार में गंगा आरती, ऋषिकेश में बंजी जंपिंग और रिवर राफ्टिंग, जिम कॉर्बेट में जंगल सफारी, नैनीताल में नौका विहार, औली में स्कीइंग और गुफा उद्यानों की खोज उत्तराखंड में आनंद लेने के कुछ अनुभव हैं।
  • उत्तराखंड की सबसे मशहूर चीज क्या है?
  • उत्तराखंड में आपको पहाड़ों की रानी मसूरी , देहरादून, नदियां, पहाड़, पवित्र चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री आदि रमणीक स्थल देखने को मिलते हैं। यदि आप भी उत्तराखंड घूमना आना चाहते हैं तो हमारा यह आर्टिकल आपकी बहुत सहायता कर सकता है।
  • उत्तराखंड में कौन सी दाल उगाई जाती है?
  • गहत (कुलथ)मसूर की अत्यंत पौष्टिक किस्म गहत दाल आमतौर पर उत्तराखंड में उगाई जाती है।
  • उत्तराखंड लोक संगीत क्या है?
  • उत्तराखंड के लोकगीत एवं संगीत में पारंपरिक वाद्ययंत्रो 'औजी', 'बधी', 'बाजगी' का बहुत योगदान है। 'ढोल और दमाऊ ' को एक साथ 'औजी' द्वारा बजाय जाता है। ये क्षेत्र के मुख्य लोक संगीत वाद्ययंत्र हैं और ज्यादातर अवसरों पर इन्हें बजाया जाता है। डौर और थाली” 'घड़ियाल' के अवसर 'जागर' गाने और नृत्य के साथ पर बजाये जाते है।
  • उत्तराखंड का लोक संगीत क्या है?
  • जागर गीत वे लोकगाथाऍ, जिनका संबंध पौराणिक व्यक्तियों या देवताओं से होता है, 'जागर' कहलाते है। यह किसी धार्मिक अनुष्ठान, तंत्र-मंत्र, पूजा आदि के समय देवताओं या पौराणिक व्यक्तियों के आवाहन या सम्मान में गाए जाते है। उनके गायक को जगरिये कहा जाता है।
  • उत्तराखंड का कौन सा लोक नृत्य यूनेस्को?
  • राममन उत्तराखंड का लोक नृत्य है, जो 2009 में यूनेस्को की अमूर्त सूची में शामिल है। यह चमोली जिले के सालूर-डूंगरा के जुड़वां गांवों में आयोजित किया जाता है। यह नृत्य रूप भूमिया देवता 'को भेंट स्वरूप दिया जाता है और यह भुमिया देवता मंदिर के परिसर में किया जाता है।
  • कुमाऊंनी को गढ़वाली से नफरत क्यों है?
  • हरेला, भिटौली, घुघुतिया आदि त्योहारों, ऐपण पेंटिंग जैसे कला रूपों और छोलिया जैसे नृत्य रूपों के साथ कुमाऊंनी का एक समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास है, जिसका गढ़वालियों में स्पष्ट रूप से अभाव है और इसलिए वे ईर्ष्यालु हैं।
  • उत्तराखंड की खोज किसने की थी?
  • शिव प्रसाद डबराल ने केदारखंड से उत्तरापद और खंड शब्द लेकर उत्तराखंड शब्द बनाया। हालाँकि यह पर्वतीय क्षेत्र वही है, जो कभी वैदिक युग में अपने हिमाच्छादित रूप में प्रसिद्ध था और उस समय के राजाओं, संतों और तपस्वियों के गौरवशाली कार्यों की गाथा गाता था।
  • उत्तराखंड के लोग कहां से आए थे?
  • आरंभिक इतिहास इस क्षेत्र को कोल लोगों ने बसाया था, जो मुंडा भाषा बोलते हैं। बाद में वे वैदिक काल तक आने वाली इंडो-आर्यन जनजातियों में शामिल हो गए। उस समय, वर्तमान उत्तराखंड में भी कथित तौर पर ऋषियों और साधुओं का निवास था।
  • गढ़वाल के संस्थापक कौन थे?
  • गढ़वाल साम्राज्य भारत के वर्तमान उत्तर-पश्चिमी हिमालयी राज्य उत्तराखंड में एक स्वतंत्र हिमालयी साम्राज्य था, जिसकी स्थापना 688 ई. में कनक पाल ने की थी, जो कि पँवार वंश के पूर्वज थे, जिन्होंने 1803 ई. तक राज्य पर निर्बाध रूप से शासन किया था।
  • उत्तराखंड का सबसे पुराना जिला कौन सा है?
  • प्राचीनतम नगर अल्मोड़ा, इसकी स्थापना से पहले, कातुरी राजा बालिकदेव के कब्जे में था। उन्होंने इस देश के प्रमुख हिस्से को एक गुजराती ब्राह्मण श्री चांद तिवारी को दान दिया। बाद में जब बरामंडल में चन्द साम्राज्य की स्थापना हुई थी, तब कलोयान चंद ने 1568 में इस केंद्र स्थित स्थित अल्मोड़ा शहर की स्थापना की थी।
  • कुमाऊं या गढ़वाल में से कौन सा बेहतर है?
  • गढ़वाल क्षेत्र की तुलना में आप उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में अधिक संस्कृति और परंपरा देख सकते हैं। कुमाऊंनी लोगों की तुलना में गढ़वाली लोगों की बोली को समझना आसान है। कुमाउनी की तुलना में गढ़वाली में भोजन की विविधता अधिक है।
  • उत्तराखंड की सबसे पुरानी जाति कौन सी है?
  • खस (प्राचीन जाति)
  • उत्तराखंड की पुरानी राजधानी क्या है?
  • राज्य आंदोलन के दौरान भी गैरसैंण को ही राजधानी बनाने की मांग थी. बता दें कि उत्तराखंड में प्रशासकीय तौर पर दो मंडल हैं, कुमाऊं और गढ़वाल. राज्य बनने के बाद गढ़वाल और राज्य की सीमा पर स्थित देहरादून को राजधानी बनाया गया तो कुमाऊं के नैनीताल में हाई कोर्ट बना रहा.
  • उत्तराखंड में कौन से भगवान है?
  • ये पंच केदार मंदिर केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर हैं। आप भी केदारनाथ धाम की यात्रा के साथ-साथ चार अन्य शिव के प्रमुख धामों के भी दर्शन जरूर करें।
  • पौड़ी गढ़वाल का प्राचीन नाम क्या है?
  • 15 वीं शताब्दी के अंत में अजयपाल ने चंदपुरगढ़ पर सिंहासन किया और कई रियासतों को उनके सरदारों के साथ एकजुट करके एक ही राज्य में समायोजित कर लिया और इस राज्य को गढ़वाल के नाम से जाना जाने लगा।
  • पौड़ी का मतलब क्या होता है?
  • पौड़ी की परिभाषाएं और अर्थ हिन्दी में एक प्रकार की कड़ी मिट्टी । लकड़ी का मोढ़ा जिसपर मदारी बंदर को नचाते समय बिठाता है । अध्याय । परिच्छेद ।
  • गढ़वाल की राजधानी कौन सी है?
  • गढ़वाल की राजधानी देवलगढ़ से श्रीनगर स्थानान्तरित हो चुकी थी.
  • पौड़ी गढ़वाल क्यों प्रसिद्ध है?
  • यहां बर्फ से ढकी हिमालयी चोटियां, प्राचीन धार्मिक स्थल, नदी-घाटी और वनस्पति भंडार दूर-दराज के सैलानियों को यहां आने पर मजबूत करते हैं। आत्मिक मानसिक शांति के लिए भारत का यह राज्य सबसे खास माना जाता है, इसलिए यहां समय के साथ-साथ आध्यात्मिक केंद्र विकसित हो रहे हैं।
  • देहरादून का पुराना नाम क्या है?
  •  अत्यन्त प्राचीन किंवदन्ती के अनुसार देहरादून का नाम पहले द्रोणनगर था और यह कहा जाता था कि पाण्डव-कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य ने इस स्थान पर अपनी तपोभूमि बनाई थी और उन्हीं के नाम पर इस नगर का नामकरण हुआ था।
  • गढ़वाल की स्थापना कब हुई?
  • 1969 में गढ़वाल डिवीजन को केंद्र बनाया गया है और उसका मुख्यालय पौड़ी बनाया गया था। 1998 में पौड़ी जिले 72 गांव को अलग कर दिया गया और एक नए जिले के रूप में रुद्रप्रयाग जिले का गठन हुआ था। इस तरह से वर्तमान पौड़ी गढ़वाल जिला अस्तित्व में आया।
  • उत्तराखंड के अंतिम शासक कौन थे?
  • कत्यूरी राजवंश का अंतिम शासक : ब्रह्मदेव ,कत्यूरी राजवंश के मुख्य शासकों के अलावा जन स्तुतियों के अनुसार प्रीतम देव, धाम देव और अंतिम शासक ब्रह्मदेव की जानकारी मिलती है। ब्रह्मदेव को वीरमदेव के नाम से भी जाना जाता है । यह अत्यधिक अत्याचारी शासक था इसने कर में आवश्यकता से अधिक वृद्धि कर दी थी।
  • उत्तराखंड में टोटल कितने गांव है?
  • बावजूद इसके आज भी स्थिति यह है उत्तराखंड के कुल 15745 राजस्व गांवों में से 2551 राजस्व गांव अब भी सड़क से अछूते हैं।
  • उत्तराखंड में कितने किले हैं?
  • कुल 36 प्रमुख किलों और 12 प्रमुख किला समूहों की पहचान की गई है। गढ़वाल किले: के बारे में: उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में अधिकांश मध्ययुगीन किलों को रणनीतिक रूप से क्लस्टर बनाने के लिए बनाया गया था।
  • कांगड़ा पेंटिंग का दूसरा नाम क्या है?
  • पहाड़ी पेंटिंग, जैसा कि नाम से पता चलता है, भारत के उप-हिमालयी राज्य हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बनाई गई पेंटिंग थीं। यह पहाड़ी चित्रकला के विकास और संशोधन में है, जो कांगड़ा स्कूल की विशेषता है।
  • गढ़वाल कला क्या है?
  • यह पहाड़ी क्षेत्र की सुंदरता का एक अंश मात्र है। उत्तरांचल या विशेष रूप से, गढ़वाल लघु चित्रों के सबसे सुंदर और परिभाषित 'घरानों' में से एक का घर है, जिसे गढ़वाल स्कूल ऑफ पेंटिंग के नाम से जाना जाता है। यह हिमाचल प्रदेश के गुलेर-कांगड़ा (पहाड़ी) चित्रकला विद्यालय की शाखा है।
  • उत्तराखंड के प्रसिद्ध कवि कौन है?
  • सुमित्रा नंदन पंत , हिमांशु जोशी , मंगलेश डबराल), लीलाधर जगूड़ी ), शैलेश मटियानी जैसे अनेक उत्तराखंडी साहित्यकारों ने हिंदी को समृद्ध बनाने में अहम योगदान दिया है
  • उत्तराखंड की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है?
  • Detailed Solution. सही उत्तर उपर्युक्त सभी हैं। उत्तराखंड की जनजातियों में मुख्य रूप से जौनसारी जनजाति, थारू जनजाति, राजी जनजाति, बुक्सा जनजाति और भोटिया नाम के पांच प्रमुख समूह शामिल हैं। जनसंख्या की दृष्टि से, थारू जनजाति राज्य का सबसे बड़ा जनजातीय समूह है।
  • उत्तराखंड की प्रथम राजभाषा क्या है?
  • गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा हिंदी भाषा ही है गढ़वाली कुमाऊनी यह राष्ट्रीय भाषा नहीं है एक बोली है जल्दी से उत्पन्न हुई है और पूरे उत्तराखंड में ज्यादातर इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन राज्य की सबसे प्रमुख भाषा हिन्दी है। यह राज्य की आधिकारिक और कामकाज की भाषा होने के साथ-साथ अन्तरसमूहों के मध्य संवाद की भाषा भी है।
  • टिहरी की भाषा क्या है?
  • गढ़वळि भाषा के अंतर्गत कई बोलियाँ प्रचलित हैं यह गढ़वाल के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में भिन्न भिन्न पाई जाती है। गढ़वाली: गढ़वाल मंडल के सातों​ जिले पौड़ी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देहरादून और हरिद्वार गढ़वाली भाषी लोगों के मुख्य क्षेत्र हैं।
  • ऐसी कौन सी भाषा है जो कोई नहीं बोलता?
  • विलुप्त भाषा वह भाषा है जो अब भाषा विज्ञान या अन्य भाषा में बोलने वालों या उपयोगकर्ताओं के न होने के कारण अस्तित्व में नहीं है।
  • उत्तराखंड की शादी कैसे होती है?
  • यह पारंपरिक रूप से दूल्हा और दुल्हन के बजाय दूल्हा और दुल्हन के पिता के बीच अंगूठियों के आदान-प्रदान का गवाह है। एक बार सगाई तय हो जाने के बाद, परिवारों को शादी की तारीख तय करने में कुछ ही समय लगता है। शादी से कुछ दिन पहले मेहंदी की रस्म शुरू हो जाती है। दुल्हन के हाथ और पैर मेहंदी से रंगे होते हैं।
  • उत्तराखंड कितना पुराना है?
  • उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में हुआ था, जब इसे उत्तरी उत्तर प्रदेश से अलग किया गया था। हिमालय पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित, यह मुख्यतः एक पहाड़ी राज्य है, जिसके उत्तर में चीन (तिब्बत) और पूर्व में नेपाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ हैं।
  • उत्तराखंड नाम क्यों पड़ा?
  • उत्तराखण्ड का शाब्दिक अर्थ उत्तरी भू भाग का रूपान्तर है। इस नाम का उल्लेख प्रारम्भिक हिन्दू ग्रन्थों में मिलता है, जहाँ पर केदारखण्ड (वर्तमान गढ़वाल) और मानसखण्ड (वर्तमान कुमांऊँ) के रूप में इसका उल्लेख है। उत्तराखण्ड प्राचीन पौराणिक शब्द भी है जो हिमालय के मध्य फैलाव के लिए प्रयुक्त किया जाता था।
  • महाभारत में उत्तराखंड को क्या कहा गया है?
  • उत्तराखंड को पांडवों की धरा भी कहा जाता है. महाभारत काल के पांचों भाई पांडवों का यहां से गहरा संबंध रहा है. ऐसे में आज भी यहां पांडव नृत्य की परंपरा है.

  हिन्दी   ।  गढ़वाली ।  कुमाउँनी  ।  गजल  ।  अन्य  ।  कवि  ।  कवयित्री  ।  लेख  ।

                     अं  अः    


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