ट ठ ड ढ ण
- ट
- टवखरु-टोकरी
- टटमरु-कड़ुवा , कसैला स्वाद
- टवाप्लु-सिर मैं पहनने वाली टोपी
- टक्कलैक-ध्यान से
- टणकण-उत्तेजना
- टकटेर-असंतुस्ट
- टणक- (उत्तेजना)
- टऽणि- (अंग विशेष पर ठंड से होने वाली पीड़ा)
- टंकौण- टांका लगाना
- टंगटंगु- संकरा, सख्त
- टंगटयाळि- चालू काम, टालमटोल
- टांगडि- टांग
- टंगण- टंगना, लटकाना
- टंटा- इगड़ा, बखेड़ा, विवाद
- टंड- झूठा बहाना करना, दिखावा, बहाने बाजी
- टंड-टपरु- घर का छोटा बड़ा सब सामान
- टंडल- कच्चा, छप्पर, मचान
- टंडु- बहानेबाज
- टंडु- मुंड- घर का छोटा बड़ा सब सामान
- टंडेल- मुंशी, मुख्य श्रमिक
- टक- ध्यान, नीयत, लत
- टकटकी- एकाग्रता से देखना
- टकटुकु- चैतन्य, रौनकदार
- टकटेर- असंतुष्ट, प्रबल इच्छा रखनेवाला
- टकटयाट- कूद- फांद, धाम- चौकड़ी
- टकटयौण- पीटना
- टकतोडिन- ऐसी सजा देना कि दुबारा वैसा करने की हिम्मत न हो
- टकरौण- टकराना, भिड़ना
- टका- रुपया, सिक्का
- टकोटा- खिला हुआ फूल
- टक्कर- भिडंत, मुकाबला
- टटकण- संकोच करना, हिचकना
- टटका- संकोच, हिचक
- टटकार- अधिक ठंडा, शीतल
- टटकार- मरना, खत्म होना
- टटकाररेण- ठंडा होना, ठंड लगना
- टटकौण- डांटना, रोकना
- टटमरू- कसैला स्वाद, कडुवा
- टटाटेर- अकड़, घमंड
- टडयोण- छप्पर डालना, मचान बनान
- टणक- उत्तेजना,उत्तेजित होना
- टणकण-उत्तेजना,उत्तेजित होना
- टणपट्ट-मरना, खत्म होना
- टणाक- नारजगी, गुस्सा
- टणाण- घाव या फोडे से तीव्र दर्द
- टणामणि- मनोमलिन्य, निरुत्साह
- टणि- ठंड से शरीर सुन्न होना
- टन्न- मस्त, मौज में, पूरी तरह
- टप- पूरी तरह स्पष्ट, पानी की बूंदे टपकने की आवज
- टपकण-टपकना- टपकाना
- टपकाणु- चुरा लेना
- टपकारा- चटखारा, स्वादिष्ट का भाव
- टपक्या- चटनी या अचार थोड़ा-थोड़ा खाना टपख्याळु- चितकबरा, काला- सफेद धब्बे वाला
- टपटप- जल्दी-जल्दी, फटाफट
- टपटपयाट-अस्पष्ट बात, बुदबुदाना
- टपटयाट- किसी वस्तु के लिए तरसने का भाव, असुंतुष्ट भाव से देखते रहना, लालसा रखना
- टपणु-पार करना, टापना
- टपराणु- घबराहट, इधर-उधर देखना, कुछ समझ मेना आना, असहज होना, घबराना
- टपौण- पार कराना, चुरा लेना
- टप्प- अचानक, तुरंत
- टब-वर्तन
- टबलाण- तड़पना
- टबलौण- आंसु आ जाना
- टमकौण- आंखो से संकेत करना, पीटना
- टमटा- तांबे के बर्तन बनाने वाली एक जाति
- टरंक- संदूक, ट्रंक
- टरकाणु- टरकाना, टालना
- टरकुणि- भूख से व्याकुल, दयनीय हालत
- टरटरू- नारज, अकड़ा हुआ
- टरड़- घमंड, ऐंठ
- टल्या- पैबंद वाला, गरीब
- टळ- टहल, सेवा
- टळकौण- बर्तन को तिरछा करके पानी गिराना
- टळखु- आलसी, कामचोर, टालबराई करने की आदत वाला, कामचोर
- टळपन- आंख में आंसु भरना
- टळ-पात- सेवा-सुश्रषा
- टळबळ-आंख में आंसु भरना
- टसकाण- दुर्गंध, बदबू
- टसकौण- बदबू छोड़ना
- टसाट- धीमी कराह, आह, पीड़ा की धीमी सांस
- टमकौण- आंखों से संकेत करना, पीटना
- टकोरा (पु.) = सेंक,
- टकोरा = पोरी तरह खिला हुआ
- टणक = उत्तेजना
- टब्बर = क्तुम्ब
- टाटू , धण, मूंण, धौंण-गरदन
- टाटु,कंठ , गळा, गौळयूँ -गला
- टाप, लपाक, लतड़ाक -कदम , डग
- टोटु- खोखला, धिद्र युक्त
- टांक- टांगो, लटकाओ, निशान, चोट आदि के निशान
- टांकण- छेद बंद करना, टांका लगाना, सिलाई
- टांकू- जोड, टंका, सिलाई
- टांगरु- नर भेड, मेढा
- टांण- मिरगी
- टांण्यू-मिरगी का रोगी, ओछा
- टांस- गले में जलन, जलन
- टाटु- गला, गर्दन
- टाडु- निर्लप्त, तटस्थ
- टाप- कदम, डग
- टापि- टापि- तीव्र प्यास, तलब
- टामण- मरम्मत करना
- टाल- ढेर, लकड़ी का ढेर
- टालखि- ओढनी, दुपट्टा, चुनरी
- टालखु-ओढनी, दुपट्टा, चुनरी
- टाल- टटोल- खोज खबर, पता करना
- टांच/आँक =बैर भावना
- टांच/टांक = चिन्ह
- टाखणु = लम्बी साँस लेना
- टिपड़ो, टिपडि-कुंडली
- टिरुमिरु-आनाकानी
- टिटक/टिटखि- (किसी हृदय विदारक दृश्य या दीन-हीन व्यक्ति को देखकर उमड़ने वाली दया की भावना)
- टिंगटिपाळि- चालू काम
- टिंडकरेण-निरुत्साहित होना
- टिकड़ु- मोटी रोटी , टिक्कड़
- टिकण- टिकना, ठहरना
- टिकाणु-टिकना, ठहरना
- टिकौ- टिकाऊ, पक्का, स्थिर
- टिक्की- गोल छोटि वस्तु
- टिक्यूं- टिका हुआ, स्थिर
- टिटक- दया का भाव, करुणा
- टिटक- संकोच,हिचक
- टिटकण-संकोच करना, हिचकना
- टिटकरेण- ठिठुरना
- टिटखि- द्रवित होना
- टिटै- टिटहरी
- टिपकु- बिंदु, निशान
- टिपड़ा- कुछ उचा स्थल, ऊंची जगह, जन्मपत्री
- टिपड़ि-जन्मपत्री
- टिपोड़- अकड़, ऐठं, घमंड
- टिपोड़ी-गप्प डींग
- टिपोड्या-अकडू, घंमंडी, गप्पी
- टिप्पस- तिकड़म, प्रपंच, चाल
- टिप्पा- टुकड़े
- टिप्वा- चुनिंदा, खास
- टिप्वा-टिप्वा- खास-खास, कुछ विशेष
- टिरमिर- आनकानी, टालमटोल
- टिवाळु- नाक में चुभने वाली तीव्र गंध
- टिटखि =ह्रदय विदारक दृश्य देख मन की दया
- टीपण-उठाना, चयन करना
- टिंड- अन्न के पके हुए दाने
- टीका-टीका, तिलक
- टीन- टिन
- टीप- कुछ ऊंचा स्थल, ऊंची जगह
- टीप- चुनो, उठाओ
- टीपण- चुनना, टीपना, उठाना
- टीस- दर्दे
- टुकिरी - पेड़ का सबसे ऊपर का भाग
- टुंड- नशे मे चुर
- टुकड्या- दूसरे के रहम पर पलने वाला
- टुक्खु-चोटी, अंतिम छोर
- टुखटुखी- आखरी समय
- टुटण- टूटना
- टुपख्याळु- चितकबरा
- टुप्प-चुपचाप, भली प्रकार, शांति से
- टुंड- नशे में चू
- टूक- लोक गीतों का पद
- टूट- गरीबी, तंगी
- टूटफूट- नुकसान, आपदा से हानि
- टूटयाण- जोर से रोना
- टूटयार-जोर-जोर से रोने की आवाज
- टेंट- मक्का
- टेक- सहरा, अवलंब
- टेकण- टेकना, सहारा लेना
- टेकु- डेरा, ठिकाना, पड़ाव
- टेक्वा- विधवा द्वार उप- पति
- टेर- टेढापन, तिरछपन, अफड़
- टेरू- तिरछी आंख वाला, भेंगा
- टेसु- दुबला- पतला, कमजोर
- टैट, कस्यूं ,ऐंठयूं-कसा हुआ ,मजबूत पकड़
- टैई- टाई
- टैफेड-टाइफाइड, बुखार
- टैम-समय, वक्त
- टोटो, टोटू-खोखला
- टोखरी- (रिंगाल की टोकरी)
- टोटगु,उल्टु-उल्टा
- टोंगार- चोंच का प्रहार
- टोंड- मक्कान के छज्जे को थामने वाली दीवार में लकड़ी के छोटे टुकड़े
- टोक- रोक
- टोक- बुरी नजर, ललचाई दृष्टि
- टोकण- टोकना, रोकना, मना करना
- टोकार- डांट, प्रताड़ना
- टोकारन- डांटना, प्रताड़ित करना
- टोखणि- लोटा, लुटिया
- टोखरि- रिंगाल की टोकरी, टोकरा
- टोगास- ताने मारना, सताना
- टोटकु- औंधा, उलटा, नाराज
- टोटख्या- आवारा, बदमाश
- टोटंगत-उलटा या औंधा गिरना
- टोटगा-उलटा या औंधा झुका हुआ
- टोटु- खोकला, छिद्र युक्त
- टोड्वाति- छोकरापन, नासमझी
- टोणा- टोना, अभिचार
- टोप-चुपचाप, निस्तब्ध, निष्चल
- टोपलि- टोपी
- टोपल्या-टोपीवाला
- टोफरि-डलिया, कांडी
- टोम-छेद, सुराख
- टोमण- जोडना, हाथ से कपड़े पर टांका लगाना
- टोलु- बहरा, कम सुनने वालाए बहरी
- टोळ- नशे की स्थिति, अर्द्ध निंद्र,अर्द्धचैतन्य
- टोळका- झुंड, समूह
- टोळा- झुंड, समूह
- टौंकण- कटु बात, अप्रिय बाव, टोकना
- टौंकण्या- अप्रिय बाता कहने वाला
- टौंकाण- दुर्गंध, बदबू
- टौख- जोर से आवाज देना
- टौडक्या- लपरवाह
- टौंकाण्या =अप्रिय बात कहने वाला
- टौख =जोर से की गयी पुकार (जोर की धाद )
टं
- टांस-गले की जलन
- टंगड़ि -टांग
- टंकौण- टांका लगाना
- टंगटंगु- संकरा, सख्त
- टंगटयाळि- चालू काम, टालमटोल
- टांगडि- टांग
- टंगण- टंगना, लटकाना
- टंटा- इगड़ा, बखेड़ा, विवाद
- टंड- झूठा बहाना करना, दिखावा, बहाने बाजी
- टंड-टपरु- घर का छोटा बड़ा सब सामान
- टंडल- कच्चा, छप्पर, मचान
- टंडु- बहानेबाज
- टंडु- मुंड- घर का छोटा बड़ा सब सामान
- टंडेल- मुंशी, मुख्य श्रमिक
- टुंड- नशे में चूर
- टंगट्यपडु = उपेक्षा में किसी के ससमान को व्यर्थ बताने वाला शब्द
- टंगट्यपाळी/ टंगटिपाळी = क्षण भर की व्यवस्था ओ खतम हो जाय, चालू काम
- टः
ट्
- ट्वपली-टोपी
- ट्वाया-पानी से भरे खेत अचानक धंस जाना
- ट्वटग्यण-उल्टा होना -उल्टा
- ट्वंगारन- ताने मारना, सताना
- ट्वाटिबंद-बोलाती बंद
- ट्वsम = सिलाई , हाथ से की गयी सिलाई
- ट्वंगार =चोंच से किया गया प्रहार
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